भविष्य के लिए चुनौतियां
रेलवे विद्युतीकरण का कार्य एक विशेष प्रकार का है। जिसको करने के लिए जन शक्ति और संसाधनों का बाजार में आभाव है। रेल विद्युतीकरण के बढ़ते लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए उपर्युक्त और कुशल मानव शक्ति की आवश्यकता है और साथ में वर्तमान में उपलब्ध मानव शक्ति की उत्पादकता को भी बढ़ाने की भी जरूरत है।
रेल विद्युतीकरण के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के मील के पत्थरों को प्राप्त करने के लिए इन चुनौतियों को समझना अति आवश्यक है और कोर इन चुनौतियों का सामना के लिए अपनी बहुमुखी रणनीतियों तथा लघु व दीर्घकालीक योजनाओं के साथ तैयार है।
समयबद्ध तरीके से मिशन विद्युतीकरण प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित बहु-आयामी रणनीतियों को अपनाया जा रहा है :-
• कोर की प्रोजेक्ट इकाइयों को सशक्त बनाने के लिए उनको प्रदान की गयी शक्तियों में वृद्धि की गई जिसके परिणामस्वरूप विद्युतीकरण के लिए तेजी से निर्णय लेने में आसानी हुई है।
•विद्युतीकरण की गति बढ़ाने के लिए मौजूदा मानव शक्ति को एक से दूसरे परियोजना में कार्य के अनुसार तैनाती की जा रही है। जिससे आउटपुट में अत्यधिक बृद्धि हो रही है।
• पारंपरिक तरीके की टेंडर प्रक्रिया को पूरी तरह से ईपीसी मोड के अनुबंध में परिवर्तित कर दिया गया है। ईपीसी टेंडर अपने वास्तविक सुपुर्दगी माड्यूल की प्रकृति (अर्थात डिजाइन एवं ड्राइंग तैयार करना, सभी सामानों की व्यवस्था, उसे खड़ा करना तथा अनुबंधित समय सीमा के अंदर चालू करना) द्वारा आदर्श समाधान साबित हो रहा है, विशेष रूप से जब कोर प्रशिक्षित कर्मचारियों
की गंभीर समस्या से जूझ रहा है।
• माइलस्टोन आधारित प्रगति, दंड / बोनस के प्रावधान, निर्धारित समय सारिणी और बिना लागत भिन्नता का प्रावधान न होना आदि ईपीसी अनुबंध की मुख्य विशेषताएं हैं जो विद्युतीकरण परियोजना के लिए लाभदायक साबित हो सकती हैं।
• कोर पीएमसी सेवाओं को विशेष रूप से ऐसे सेक्शनों में शामिल करने के लिए विचार कर रही है जहां ईपीसी अनुबंध अपनाया गया है। यह सुरक्षा, गुणवत्ता और लागत के नियंत्रण के साथ कार्य का निष्पादन सुनिश्चित करेगा। दो सेक्शनों के विद्युतीकरण के लिए (456 रूट किलोमीटर) निविदाएं पहले ही आमंत्रित कर दी गई हैं और तीन सेक्शनों के लिए निविदाएं प्रक्रिया में हैं।