तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के निर्देशन में यातायात के क्षेत्र में डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए पेट्रोल पर आधारित अर्थनीति का रूख मो़ड़ने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित ऊर्जा सचिवों की समिति ने जुलाई, 1980 में निर्णय लिया कि रेलवे द्रैक विद्युतीकरण की गति को बढाए. तदनुसार विद्युतीकरण की गति काफी बढ़ी तथा भारतीय रेल ने सातवीं योजना के दौरान 2812 आर के एम की उपलबि्ध हासिल की.
आठवीं योजना के दौरान 2708 मार्ग किलोमीटर, नौवीं योजना के दौरान 2484 मार्ग किलोमीटर, दसवीं योजना के दौरान 1810 मार्ग किलोमीटर और ग्यारहवीं योजना में 4556 मार्ग किलोमीटर की रिकॉर्ड प्रगति हासिल की। बारहवीं योजना (2012-17) में भारतीय रेलवे ने 6244 आरकेएम विद्युतीकरण हासिल किया है।
हाल के वर्षों में आयातित पेट्रोलियम आधारित ऊर्जा पर राष्ट्र की निर्भरता को कम करने और देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए, परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल, तेज और ऊर्जा कुशल मोड प्रदान करने की दृष्टि से रेलवे विद्युतीकरण पर बहुत जोर दिया गया है। कोर एक मिशन क्षेत्र के रूप में दिसंबर 2023 तक भारतीय रेलवे के सभी ब्राड गेज मार्गों को विद्युतीकृत करने की योजना बना रहा है। पिछले साल 6366 आरकेएम के रेलवे विद्युतीकरण को पार करते हुए, भारतीय रेलवे ने 2022-23 में आज तक का अधिकतम 6656 आरकेएम का विद्युतीकरण कार्य किया है।
31 मार्च, 2023 तक भारतीय रेलवे ने कुल ब्रॉड-गेज नेटवर्क (65,300 आरकेएम, ) का लगभग 58,812 (90 %) रूट किलोमीटर (आरकेएम) विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है।
अपनी स्थापना के बाद से 44 वर्षों में भारतीय रेलवे पर तेजी से विद्युतीकरण के साथ, कोर ने विदेशी मुद्रा भंडार में पर्याप्त बचत हासिल की है क्योंकि पेट्रोलियम आधारित ऊर्जा संसाधनों का एक बड़ा घटक अभी भी आयात किया जाता है।
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